Film Ruhani : The debate on the film Ruhani being created, the story is on the private life of an actress
फिल्म रूहानी के बनने पर विवाद चालू ,कहानी किसी एक्ट्रेस की निजी ज़िन्दगी पर है
फिल्म रूहानी अभी बनना भी शुरू नहीं हुई, की विवादों के घेरे में आ गयी ,बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस सुनीता सिंह ने इल्जाम लगाया है की फिल्म रूहानी की कहानी उनकी जिंदगी पर आधारित है , फिल्म के लेखक रोहित प्यारे ने उनके जीवन के पहलुओं को इस कहानी में उतारा है।
गौरतलब है की फिल्म के निर्देशक दीपक सारस्वत फिल्म रूहानी की शूटिंग की तैयारियों में व्यस्त है, फिर ऐसा विवादित बयान से फिल्म निर्माताओं और कलाकारों में हलचल मच गयी है. हालांकि फिल्म के लेखक और निर्देशक का कहना है की फिल्म की कहानी लिखने के दौरान सुनीता जी को कहानी सुनाई गयी थी, और उन्हें उससे कोई आपत्ति भी नहीं थी, फिल्म के कई पहलु काल्पनिक है और उनका सुनीता जी की कहानी से कोई लेना देना नहीं है।
फिल्म भूत की एक कहानी पर आधारित है, हॉरर के लुक के लिए नए आर्टिस्टों को भी चांस दिया जा रहा है। फिल्म लगभग प्री प्रोडक्शन ख़त्म कर चुकी है, अभी तक कोई खास जानकारी नहीं दी गयी है की फिल्म में और कौन कौन से लोग काम कर रहे है औरइसकी शूटिंग कहा की जायेगी निर्देशक दीपक सारस्वत जल्द ही इस फिल्म को शूट पर ले जाने की घोषणा करने वाले है। देखना ये है की ये विवाद कैसे सुलझेगा , और प्रोडक्शन टीम की तरफ से क्या औपचारिक बयान आता है।
Film UNTITLED Is Scheduled To Shoot In 20 Days In Direction of Deepak Saraswat
टॉप म्यूजिक एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही फीचर फिल्म ‘Untitled’ की शूटिंग बोरीवली के एक स्टूडियो में शुरू हुई. फिल्म निर्माता सुरजीत सिंह है और दीपक सारस्वत के निर्देशन में बन रही फिल्म का पहला शेडूल शूट किया गया.
फिल्म सामाजिक तत्यो को उजागर करती है और क्राइम को रोकने में पुलिस की क्या भूमिका है उसको भी दर्शाती है.
फिल्म में करीब २० से ज्यादा अभिनेताओं और आर्टिस्ट के काम करने की आशंका है. फिल्म को ३ अलग अलग लोकेशन पर शूट किया जाएगा।
फिल्म का नाम अभी उजागर न करते हुए उसे शुरू कर दिया है, फिल्म जल्दी ही बनके कम्पलीट हो जाएगी और उम्मीद लगायी जा रही है 2018 के शुरुआत में ही फिल्म दर्शको के सामने आ जाएगी.
फिल्म की कास्ट अभी तो नई है, बाद में इसमें बड़े और अच्छे कलाकारों को भी जोड़ने की आशंका है. फिल्म के शुरुआत में ही क्लाइमेक्स की शूटिंग कि जा रही है, और उसे और भी अच्छी बनाने पर काम किया जा रहा है. – इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़ की रिपोर्ट, मुंबई
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Deepak Saraswat, a good person along with a good director
दीपक सारस्वत एक अच्छे निर्देशक के साथ ही एक अच्छे इंसान भी है.
मुंबई जब बाढ़ के कहर से गुजरने लगती है तब तमाम समाजसेवक और संस्थाए मदद के लिए आगे आती है. पर सच्चाई ये है की ऐसी आपदा को कई तो पब्लिसिटी स्टंट की तरह इस्तेमाल करते है तो कई राजनैतिक फायदे के लिए।
पर एक सख्श जिसने २ दिन अपनी टीम के साथ मिल कर बिना किसी शोर शराबे के अँधेरी स्टेशन पर मुश्किल में फॅसे राहगीरों के लिए फरिस्ते जैसा काम किया. इस काम का न कोई शोर था, न ही कोई पब्लिसिटी। चलिए जानते है इस सख्श के बारे में –
एक छोटे शहर से आकर मायानगरी मुंबई में अपनी कला का अलख जगाने वाले ‘दीपक सारस्वत’ आज किसी परिचय का मोहताज नहीं
२०११ से अपना फिल्मी करियर शुरू करने के साथ अपनी किस्मत को संघर्ष से पछाड़ने वाले दीपक सारस्वत ने आज तमाम छेत्रो में अपनी उपलब्धियो का लोहा मनवाया है. वह एक अच्छे लेखक, कवि और निर्देशक तो है ही, साथ ही एक अच्छे प्रवक्ता, कुटिल विचारक, नमस्कार न्यूज़, नमस्कार प्रोडक्शन व् नमस्कार चाय जैसे ब्रांड के मालिक भी है ।
अपने जीवन के कठोर दिनों को याद करते हुए सारस्वत बताते है कि बिना पहिचान के मुंबई आना और टिकना यहाँ सपनो जैसा है, न कोई इज्जत है और ना ही कोई आश्रय। कई नामचीन कंपनीयो के टीवी ऐड बनाने के साथ ही कई अवार्ड विजेता फिल्मो के लेखक और निर्देशक रहे है. नमस्कार प्रोडक्शन बैनर के तले कुछ अवार्ड शो भी कर चुके है और भारत सरकार के लिए कुछ प्रोजेक्ट का भी निर्माण भी कर चुके है.
२० से ऊपर टीवी ऐड बनाने वाले दीपक सारस्वत आज कल अपनी फीचर फिल्म के प्रोडक्शन में व्यस्त है, साथ ही सामाजिक कार्यो में समान्तर कार्यरत है। पिता के ‘सीमा सुरक्षा बल’ में होने के कारन सारस्वत में देशभक्ति कूट कूट कर भरी है, उनके किसी भी भाषण में देश के प्रति प्रेम और समर्पण सुना जा सकता है। मंच पर आते ही जैसे खून की रफ़्तार तेज़ हो जाती है, जोश नसों में दौड़ने लगता है, किसी वरिष्ट नेता की तरह धाराप्रवाह भाषण उनके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते है।
हमारी बातचीत में सारस्वत बताते है, उनका सपना एक तरफ सिनेमा के सबसे बड़े अवार्ड ‘ऑस्कर’ का लेना है, और वही दूसरी ओर एक कुशल नेता या संचालक बन कर जनसेवा करना है.
जब उनसे पूछा गया कि अकेला इंसान इतने कार्य करने में कैसे कुशल हो सकता है? तो जवाब में यही कहा- कि सभी कार्य एकाग्र व् नियोजित सारिणी में करने से इंसान एक समय में कई कार्य सिद्ध करने की सक्षमता रखता है. आज की नव पीढ़ी को ऐसे लोगो के मार्गदर्शन की जरूरत है।आने वाले कार्यो के लिए दीपक सारस्वत को हमारी ओर से ढेरों शुभकामनये .
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