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Rakesh Pandey, Of Bihar, NRI & Chairman Of Bravo Pharma Extends Financial Aid To Families Of Martyrs Of Pulwama Incident

Rakesh Pandey, Of  Bihar, NRI & Chairman Of  Bravo Pharma Extends Financial Aid To Families Of Martyrs Of Pulwama Incident

पुलवामा की घटना के शहीदों के परिवार वालों की आर्थिक मदद के लिए जहां एक तरफ अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार जैसे सुपर स्टार्स सामने आए हैं वहीं देश से प्यार करने वाले और भी कई लोग उनकी सहायता के लिए सामने आए हैं। बिहार के रहने वाले राकेश पांडेय जो अब ब्रावो फार्मा के चेयरमैन और एनआरआई  है और लंदन में रहते है।

उन्होंने बिहार के दो शहीदों मसौढ़ी के संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के रतन ठाकुर के परिजनों को दस-दस लाख रुपये दिए हैं। आपको बता दें कि राकेश पांडेय ने बेहद गरीबी देखी है और कभी एक समय था जब राकेश को गुजर बसर करने के लिए दिल्ली के एक मौर्य होटल में वेटर तक की नौकरी करनी पर गई थी लेकिन अब राकेश पाण्डेय का कहना है कि ईश्वर ने मुझे इतना सक्षम बना दिया है कि मेरी जानकारी में कोई लाचार भूखा नही सोएगा। फिलहाल राकेश की कंपनी विश्व की 7 वीं सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है और दुनिया के 17 देशों में कंपनी का वृहद व्यापार है। एक गरीब और एक आम इंसान से एक कम्पनी का चेयरमैन बनने तक उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है। उनके दिल में देश के लिए प्रेम है उन्होंने पुलवामा शहीदों के घरवालों को यह आर्थिक मदद की है।

  

विगत दिनों उन्होंने प्रयागराज में चल रहे कुंभ के दौरान पुलवामा की घटना  सभी शहीदों के आत्मा की शांति के लिए सनातन परंपरा के अनुसार तैंतीस हजार दीप भी जलाए।

राकेश पांडेय का कहना है कि पुलवामा हमले की निंदा की जानी चाहिए मगर शहीदों के घरवालों के बारे में भी सोचना चाहिए। जिस से जो हो सके उसे अपने स्तर पर शहीदों के परिजनों, उनके बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करनी चाहिए। यही सोचकर मैंने बिहार के दोनों शहीदों की आर्थिक मदद की।

राकेश पाण्डेय के मित्र और मूलरूप से बिहार के लेकिन अब मुम्बई निवासी फ़िल्म निर्माता- निर्देशक अरुण पाठक का कहना है कि अगर मुसीबत के समय राकेश पांडेय जैसे लोग सामने आ जाएं, तो शहीदों के घरवालों को बड़ी राहत मिल जाती है। मैंने राकेश पांडेय के वे दिन भी देखे हैं जब उनका समय बहुत बुरा था और ज़िन्दगी में गरीबी से जूझ रहे थे लेकिन अपने हौसले और कड़ी मेहनत से आज वह फार्मा कम्पनी के चेयरमैन बने हैं। वह लोगो का दुख दर्द मजबूरी और जरूरत को समझते हैं इसलिए उन्होंने बिहार के दो शहीदों के परिजनों को दस दस लाख रुपए देने का फैसला किया।  आपको बता दें कि अरुण पाठक ने “शहीद ए आजम” नाम की एक फिल्म भी प्रोड्युस की थी। अरुण कुमार पाठक के द्वारा निर्देशित यह फिल्म इतिहास के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करती नज़र आइ थी.  स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी की भूमिका में रहे कमल नाथ तिवारी के जीवन पर आधारित थी यह फिल्‍म एक अनछुए स्वतंत्रता के क्रन्तिकारी कमल नाथ पर फिल्म निर्माण का अरुण कुमार पाठक का भी प्रयास सराहनीय रहा है।

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